जो नेता यह कहता है की मरने के बाद मूर्तिया लगायी जाती है ,इस से व्यक्ति देख नही पाता, जीवित रहते हुय ही मूर्तिया लगनी चाहिए , ताकि वह देख सके ,मरने के बाद मूर्तिया लगाने से क्या फायदा / मेरा मानना है जो नेता जीवित रहते हुए अपनी मूर्तिया लगवाता है , उसकी मृत्यु के बाद उसकी मूर्तियों को तौड़ देना चाहिए / ऐसा भी वसीयत बनवाना चाहिए /मृत्यु के बाद उसकी मूर्तिया तौड देनी चाहिए / मरने दे बाद न तो नेता को सम्मान की जरुरत है, क्यो की जीवित रहते हुए ही उसने ख़ुद ही मूर्तिया लगा कर सम्मान प्राप्त कर ली , मरने के बाद नेता को क्या सम्मान की जरुरत ......./
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