Friday, November 27, 2009

क्षेत्रवाद

भारत में कई तरह की समस्याए हैं / उन समस्याओं में एक समस्या क्षेत्रवाद की भी है / भारत में क्षेत्रवाद लगभग १९८४ से भी पहले शुरू हुआ लेकिन १९८४ के आस पास बढ़ता हुआ दिखा /जो वर्तमान किसी क्षेत्र राज्य का हिस्सा बनता दिखाई दे रहा है /प्रश्न उठता है क्या ?क्षेत्रवाद को भारतीय जनसमूह स्वीकार करते हैं या उनकी मानसिक स्थिति इस तरह ढाल दी जाती है की वह क्षेत्रवाद में शामिल होने लगते हैं /क्षेत्रवाद राजनीतिक कारणों के कारण भी उदय हुआ / कोई सवर्जन की बात करता है , जहाँ पर सभी धर्मो -विचारो के लोगो का स्वागत है /उस विचार धारा को तोड़ने के लिए धर्म की राजनीती की उदय हुआ /जो एक धर्म को न्याय दिलाने के लिए या वह सोचते है की उनके साथ अन्याय हुआ इस विचार धारा के साथ उन्होंने समुदाय का निर्माण किया या आज़ादी से पहले हो भी चुका था /उन समुदायों में से एक राजनीतिक पार्टी का उदय हुआ ,जिस का आधार ही धर्म विशेष की राजनीती करना था /लोगो ने भावनात्मक तरीके से साथ देने आए कुछ ने मना किया /इस तरह से भारत में धर्म विशेषकर राजनीतिक शुरू हुई /इसी तरह जाति के अन्दर ही आपसी छुआ छूत ऊँचनीच की दीवार भारतीय समाज में वर्षो से चली आ रही व्यस्था को तोड़ने के लिए दलित राजनीती का दौर शुरू हुआ /आज भारत में कई पार्टिया राजनीतिक मैदान में है /राजनीतिज्ञों के पास भारतीय समाज को बाटने के लिए अब कोई चारा नही सूझ रहा था /तो महाराष्ट्र के बाल ठाकरे ,जिन्हें लोग बाला साहेब ठाकरे कहते हैं /उन्होंने क्षेत्रवाद की अवधारणा को बढाया , ऐसे नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए लोगो का पथ भ्रष्ट करना शुरू करते हैं /कहते है आज हमारे राज्ये में लोग भूखे मर रहे हैं ,लोगो को काम नहीं मिल रहा है / हमारी भाषा स्वतंत्र भारत में लुप्त हो रही है /क्षेत्रवादी नेता कहते है ऐसी भाषाओ का सम्मान किया जा रहा है जिसे हमारे पूर्वज सम्मान नही देते थे /इस प्रकार ऐसे नेता कुछ लोगो को अपनी ओर खीचने में सफल हो जाते है और सफल हुए भे है /में पूछता हूँ आज दिल्ली के लोगो में क्या कोई यहाँ का लोकल व्यकित रिक्शा चला रहा है ? क्या वह पाँच मंजिलो पर चढ़ कर मजदूरी करने को तैयार है /लेकिन बिहार के लोग कर रहे हैं /कुछ मेहनत के बल पर अधिकारी भी हैं /मैं क्षेत्रवादी धरना से ग्रस्त राज्यों से पूछना चाहता हूँ की वहां की जनता मजदूरी क्यो नही करती ? क्या मजदूरी करना पाप हैं ?क्षेत्रवाद ऐसी बीमारी है जो भारतीय समाज तो तोड़ सकती है /और तोड़ भी रही है / यह हमरे लोकतंत्र के खतरा भी है /कभी प्रवासी स्टुडेंट्स के पिटाई की जाती है कभी धार्मिक त्यौहारों पर हँसी उड़ाई जाती है / आखिर यह क्या है ?क्षेत्रवाद ऐसा हावी होता जा रहा है की उसने राष्ट्र भाषा हिन्दी पर भी प्रहार किया है /महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के विधायक ने एक समजवादी पार्टी के विधायक को थप्पड़ मारा ,क्योकि वह हिन्दी में शपथ ले रहे थे /उस विधान सभा का द्रश्य भारत की जनता ने देखा एक तरफ हम हिन्दी की बात करते हैं दुःख है की भारत में ही हिन्दी के साथ सोतेला व्यवहार हो रहा है /आखिर क्यो ?..............................बात और भी है ......मिले ...सैयद परवेज़ से

Monday, November 16, 2009

सचिन के खिलाफ बालठाकरे का बयान बिल्कुल देश को तोड़ने वाला है सचिन अगर यह कह रहे हैं के मै महाराष्ट्री होने के साथ एक भारतीय हूँ तो क्या गलत कहा ,१६-११-२००९ सामना न्यूज़ पेपर के माध्यम से मुंबई की बढती आबादी ,भुखमरी , महानगर में फैलती बीमारियों के लिए बहार से रोजगार प्राप्त करने आए लोगो को बदनाम करना , क्षेत्रवाद फैलाना , मुंबई को १०५ लोगो का बलिदान तो सही है लेकिन १०५ लोगों की आत्मा बालठाकरे जैसे लोगो से दुखी होगी / क्योकि महाराट्र के लोगो ने भारत को जोड़ना चाह है तोड़ना नही / क्षेत्रवाद नेता अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक जगह पाने के लिए -क्षेत्रवाद को ढोंग कर रहे है -हिंदुस्तान एक है इसे तोड़ने वोलो तो सज़ा मिलने चाहिए -महाराष्ट्र ले लोगो से अपील है -क्षेत्रवादी तत्वों को समाप्त करे , क्यो की जो देश का नही वह अपने राज्ये का नही हो सकता /

Sunday, November 15, 2009


शिवसेना और मनसे द्वारा मुंबई में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया क्लर्क परीक्षा में क्षेत्रवाद की बात करना देश में अशांति फैलाना है कोई भी सरकारी या गैरसरकारी संस्थान कर्मचारियों की भर्ती उसकी योगिता से करता है क्या अन्य राज्य में होने वाली परीक्षायों में कौन रोक रहा है अगर हर स्टेट की पार्टी क्षेत्रवाद की बात करेगीं तो भारत टूट जायेगा भारत सरकार को चाहिए की ऐसी राजनीतिक पार्टियों पर प्रतिबंध लगाये महाराट्र की जनता से मेरी अपील है की ऐसी राजनीतिक पार्टियों को सहयोग प्रदान न करे ,सोचने वाली बात है जो देश की एकता और अखंडता को नही समझता वह क्या महाराष्ट्र के वीरो के विचारो को समझेगा क्योकि देश वृहत विचारो से चलता है छोटी मानसिकता से नही /

Saturday, November 14, 2009

महाराष्ट्र नव निर्माण के निदर्लीय विधायक दुवारा समाज वादी पार्टी के विधायक को इसलिये विधान सभा में मनसे के विधायक ने समजवादी पार्टी के नेता पर हाथ उठाया क्योकि वह हिन्दी में शपथ ले रहे थे भारत में क्षेत्रवाद एक भयंकर समस्या बनती जा रही है एक तरफ हम हिन्दी की बात करते है दूसरी तरफ भारत में ही हिन्दी का अपमान हो रहा है देश बहुत जगहों से टूटता दिख रहा है कभी धर्म के नाम पर कभी जाती के नाम पर टूटता दिख रहा है क्षेत्रवाद के नाम पर यह देश द्रोही लोक तंत्र को समाप्त करने वाले कभी बिहारियों को ,बिहार के लोगो को मारते है मानसिक अत्याचार करते है क्या यह बिहार के लोग शहरों में रिक्शा चलाते है क्या यह रिक्शा चलाये मजदूरी करे यह नही करेगे क्योकि इनके पेट भरे हु है आवश्कता है राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी जी का जन्तर पढ़े -----तब यह भारत की विभिन्नता में एकता को समझ पायेगे क्यो की भारत महान है