Tuesday, March 23, 2010

दोंग का रूप

बचपन से ही मुझे बुगुर्ग व्यक्तियों से दोस्ती करना अच्छा लगता है / वर्ष २००३ में मैं मोलड बंद विस्तार कालोनी गली संख्या एल २६ में रहने लगा / वहाँ एक बुगुर्ग व्यक्ति सुरेश भारद्वाज से दोस्ती हुई / जोकि अब वह इस दुनिया के कैद खाने से विदा हो चुके है / उनसे मेरा अच्छा तालुकात रहा / जब भी दिखाई देते प्रणाम करता / गली में पानी कि बड़ी समस्या थी / रात -रात भर हम दोनों जाग का टुबेल के वाल को दूसरी गली से बंद करते / पानी प्राप्त करने का समय हमारा रात में ही था / पूरी रात यु ही गुजर जाती कभी पानी मिलाता कभी नहीं / वह नोकरी से रिटायर्ड हो चुके थे / किसी कंपनी में स्टोरकीपर थे / अपने समय के मजदूर यूनियन तथा अपने जीवन के अनुभवो को बताते / राजनीति कि बात होती तो देश के आपातकालीन स्थिति को भी उन्होंने बताया /उनके पास बैठ कर अपनत्व का अनुभव होता था / चाय बनवाते चाय पि जाती और ढेर साड़ी बाते होती / जब उनका निधन हुआ तो मेरे आंसू बंद नहीं हो रहे थे / सगे का संबंथ नहीं था / न ही उन्होंने मुझे कुछ दिया था और न ही मैंने कुछ दिया था / अपने सगे संबंधियों में किसी कि निधन हुआ हो तो मैं इतना नहीं रोया / उनसे मैंने एक महिला के बारे में पुचा था / जिस महिला को मैं थोडा जनता हूँ /वह तथा उसके परिवार का पास पड़ोस से बुरा सम्बन्ध नहीं रहा जो अपने में मस्त ना किसी से लेना और न देना / सन २००४ से मैंने उसके परिवार में बदलाव देखा कि सुबह शाम भजन कीर्तन चालू / मैंने एक अन्य महिला से पुछा था / यह बड़े ही धार्मिक लोग हैं / सुबह शाम भजन कीर्तन अच्छी बात है / अन्य महिला ने बताया कि उस औरत पर देवी का वास है / देवी आती हैं /और लोगो कि समस्यों को हल करती हैं / खैर महिला के यहाँ यह सिलसिला चलता रह और अभी चल रहा है / सायकाल भजन कीर्तन के लिए लोग इकठे होते है और अपनी समस्यों का हल खोजते है तथा चढ़ावा भी चढाते है /मैंने कई बार इस पर आपति भी उठाई लेकिन मुस्लिम होने से डरा कि लोग यही कहेगे कि मुस्लीम है / इसलिये देवी पर विश्वाश नहीं कर रहा / स्वर्गीय सुरेश अंकल ने विश्वाश के चलते ही शायद कुछ नहीं कहा था /मुझे देवी पर विश्वाश है / भगवान् पर विश्वाश है / लेकिन महिला पर देवी आ सकती हैं विश्वास नही / देवी अगर महिला पर आ सकती हैं तो सभी महिला देवी है / उन पर भी तो देवी का वास हमेश होता है / उसी देवी को यही समाज सरे डायन करार दे कर मार भी देता है /देवी कि आड़ में लोग रोजगार चला रहे है / बड़ी विडम्बना है कि समाज पापुलर कल्चर को अपनाते हुए अंधविश्वास को छोड़ना नहीं चाहता है / इसी अंधविश्वास के चलते २० मार्च २०१० कि सायकाल को एक महिला को अपनी जान भी गवानी पड़ी / जान गवई महिला पहले से हार्ट अटैक कि मरीज थी / वह मोलड बंद विस्तार एल २६ में रहती थी / गली के सामने ही देवी वाली महिला का घर है / महिला शाम को उसके घर पूजा करने गई / भजन कीर्तन चालू था / भजन करते करते महिला वेहोश हो गई / वहाँ उपस्थित महिलाये तथा देवी धारण करने वाली महिला ने कहा कि देवी का वास हो गया है / बहुत देर तक होश नहीं आया पानी के छीटे मारी गयी / लगभग एक घंटे तक वही देवी होगे के शक में रोके रखा गया मामला गंभीर लगा तो अस्पताल कि याद आई / जहाँ डॉक्टर ने हार्ट अटैक होने से मारा घोषित कर दिया / अगर समय पर महिला को अस्पताल पंहुचा दिया गया होता तो शायद वह बच जाती / देवी पर्थ अंध विशवास के चलते उसने अपनी जान गवा दी / आवश्यकता है समाज को शिक्षित तथा वैज्ञानिक जागरुक बनाते कि कोई ढोंगी तांत्रिक, डोंगी मोलवी , ढोंगी साधू किसी को सुख समृधि प्राप्त करने के लिए उपाय दे रहा है / ऐसे ही एक मौलवी नोयडा में रहते है / मेरा मानना है सुख समृधि अपनी ईमानदारी कि मेहनत के साथ मानव सेवा है / कोई भी संत भगवान् नहीं है / किसी तांत्रिक देवी धारण करने वाली महिला के पास जाने कि जरूरत नहीं है / आप का कार्य आपकी मेहनत पर निर्भर करता है न कि किसी ढोंगियों के दर्शन से / सरकार ढोंगियों बबयो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे ताकि सकाज को एक नहीं विचार धारा मिल सके और ढोंगी तंत्र समाज से समाप्त हो सके /
सैयद परवेज़

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