Saturday, July 24, 2010

सैनिक और जार

रूस के सम्राट जार निकोलस रात को भेष बदलकर अपने प्रजा के दुखो को देखते और उन्हें दूर करते थे / एक रात उन्होंने सैनिक चौकी में एक सैनिक को टेबल पर सिर रख कर सोते देखा / उसके सामने एक कागज पर लाखो रुपये के हिसाब थे / जिस पर लिखा था " मेरा क़र्ज़ कौन चुकाएगा "/ जार निकोलस ने उसके नीचे हस्ताक्षर किये और लिखा 'मैं चुकौऊगा " अगर जार सैनिक को सोता देख कर उसे सजा देता तो वह न्याय नहीं होता / लेकिन जार ने सैनिक के क़र्ज़ को चूकाकर उसे दुखो से छुटकारा दिलाया / आज कर्मचारियों के लिए विभिन्न तरह के नियम बनाये गए है /क्या मालिक अपने कर्मचारियों कि मानसिक परेशानियों को समझने कि कोशिश करते है / या लाभ प्राप्ति /कार्य प्रणाली ८ घंटे निर्धारित कि गई है , लेकिन मजदूर ठेकेदारी , प्राइवेट सिक्योरिटी व्यवस्था में १२ घंटे कार्य कर रहे है / तब भी उन्हें पूर पारिश्रमिक नही मिल रहा है / प्राइवेट सिक्योरिटी व्यवस्था थोपने वाली सरकार को वास्तविकता का पता नहीं है कि प्राइवेट सिक्योरिटी व्यवस्था कितना शोषण कर रहे है /

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