Sunday, February 7, 2010

किसका बाड़ा .........

सपने में मेरी मुलाक़ात एक विद्वान् व्यक्ति से हुई /मैंने प्रणाम किया और अपना परिचय दिया / वह बोले बतावो और क्या सोचते हो /मैंने कहा आप के बराबर तो नहीं सोच पता हूँगा , लेकिन अच्छा बनाने और करने की जरूर सोचता हूँ / प्रथ्वी एक ऐसा कैद खाना है ,जहाँ जीवन के लिए वह सभी चीजे विधमान हैं , जो मानव को चाहिए /चाहे वह हवा पानी या सूर्य की रोशनी इत्यादि / मनुष्य चाहते हुए भी इस कैद खाने से भाग नहीं सकता , विश्वास नहीं तो भाग कर तो दिखाए /भागने के पीछे आत्म-हत्या शामिल नहीं है /
एक हमारी व्यवस्था का मानव -निर्मित कैद खाना है / जहाँ से भगा जा सकता है और पूंजीपति वर्ग , ऊँचे पदों वालो के लिए दिखावा / मानव निर्मित कैद खाने का ही रूप हमने देखा रुचिका केस / क्यों महिलावो को न्याय दिलने में कानून इतना ढीला ? कानून सिर्फ दबंग , ऊँचे पदों , के साथ क्यों ? खेर जिसकी अपनी सीमाए निर्धारित है /विद्वान् व्यक्ति बोले समय हो गया है , चलता हूँ /
मैंने आगे देखा की बहुत सारे जानवर एक बाड़े में बंद है /सभी को एक बड़ा जानवर आपस में लड़ा रहा है /उसने कहा सुनो भाइयो बाड़े में लड़ाई का मुख्य करण जानवरों की अधिकता है /अब हम नियम बनायेगे की बाड़े में किसे शामिल करना है या नहीं /नियम नानना शुरू हुआ की देश की संविधान व्यवस्था कुछ नहीं है /हम जो चाहेगे करेगे / यह बाड़ा हमारा है /हम संविधान से उलटा कार्य करेगे /बाड़े में रह रहे विभिन वर्गों के जानवरों को बोलने का हक़ नहीं है / जो हम सोचते है वाही ठीक है /हमारी ही लठाभाषा ,sअन्स्कृति कार्य करेगे और बड़े में राज करेगी / क्यों की यह बाड़ा बलिदान से बना है /हमारे लिए लोकतंत्र के मायने अपने बड़े में अपने जानवरों तक सीमित रहना चाहिए /हमें कुछ मतलव नहीं की इस बाड़े की विकास किसने किया / मै उस बड़े जानवर की बाते सुनता रहा और सोचा जानवरों का शोषण करने की लिए इस का अपना बहुत बड़ा स्वार्थ है /पता किया की कौन है /पता चला की यह शिव सेना के बहुत बड़े जानवर बाल ठाकरे है / अंत में और पता चला की एक और बड़े जानवर राज ठाकरे है /जो ज्यादा ही सोचते है / इतना तो अनुसन्धान करने वाला व्यक्ति भी नहीं सोचता है /खेर सोचना अधिकार है / अब तो सूचना का भी अधिकार है /

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