Tuesday, February 9, 2010

कुछ सोचे ...........

पर्यावरण और जंगली जानवरों से लेकर पालतू पशुओं तक हमें सोचना होगा ? क्या इनका अस्तित्व बचा रहेगा ?एक तरफ शहरी करण बढ रहा है , दूसरी तरफ मानवता का विनाश करने वाले लोग संगठन बन गए है /प्रश्न है क्या मानवता बची रहेगी ? क्या मानव का अस्तित्व बचा रहेगा ? बैगेर प्रक्रति के क्या मानव का अस्तित्व बचा रहेगा ? पेडो की संख्या कितनी बची है ? क्या हमें दिखाई देता है ? एक तरफ लोग भूखे मर रहे है /दूसरी तरफ भूखे लोगो को मार रहे है / एक तरफ अधिकारों की बाते होती है दूसरी तरफ अधिकारों को हनन हो रहा है / दुनिया अजब निराली है ,विभिन्न विभिन्न तरह के लोग यह विभिन्न तरह की माया है / लोग संगठन बना कर पार्टी बनाकर यह भूल जाते है की यह दुनिया एक इश्वर का कैद खान है / यहाँ मानवता ही सब कुछ है / लोग समझे और सोचे /

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