Friday, January 1, 2010

इन कानूनों के बारे में सोचना होगा

सी आर पी सी -१९७ ( इन दिस्चार्गे ऑफ़ ओफ्फिसिअल ड्यूटी ) के तहत कुछ भी कर गुजरने की छूट हासिल है / क्या यह सही है ? कर्तव् पूरा करने के नाम पर अगर वे लोगो की जान ले तो उनके खिलाफ कारवाही तभी संभव है , जब राज्य सरकार इसकी इजाज़त देती है / इस के बारे में आम आदमी को सोचना होगा / नहीं तो धरा १९७ का दुरपयोग होता रहेगा /
एक्ट -३०५ -१८ वर्ष से कम आयु के बच्चे को आत्म हत्या के लिए उकसाने पर आजीवन या कम से कम दस वर्षो तक सजा का प्रवधान है /
लेकिन हमारे समाज की विडम्बना है की कानून धनवानों के पक्ष्य में ही रह रहा है / हम देखते है की एक रिक्शा वाले को हमारे समाज के धनवान वर्गों या पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी पिटाई करते हुए हम देखते है / करण कानून का पालन न करना बताया जाता है / एक घर के नौकर को घर का मालिक चोरी का झूठा इनजाम लगाकर पुलिस वालो से पिटवाता है / पुलिस कर्मी उसे बहुत मरते है , लेकिन एक धनवान व्यक्ति या प्रशासिनक व्यक्ति को पुलिस वाले उसे चोर होते हुए भी छोड़ देते है /समाज को सवेंदन शील होना होगा तभी देश बदलेगा , राष्ट तरक्की की तरफ अग्रसर होगा /

No comments:

Post a Comment