Sunday, January 31, 2010

सलाह भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को ..........

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से तुलना करते हुए कहा "बापू व मोदी दोनों के अनुसार रजनीति गरीबी हटाने का अधिकार है /राजनीति का उदेदश्य गरीबी हटाना है /मोदी इसका जीता जागता उदहारण है /" अगर भारत का आम इंसान सोचे तो क्या भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी का तुलनात्मक अध्ययन कमजोर नहीं लगता है ? प्रश्न उठता है क्या मोदी समाजवादी विचार धारा के है ? क्या मोदी साम्प्रदायिकता फैलाने , गुजरात दंगा ,में हाथ नहीं रहा है ? क्या मोदी मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषण का प्रयोग नहीं करते / क्या उन्हें बोलने का ढंग है ,पता नहीं मुख्यमंत्री कैसे बने हुए है ? भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी धार्मिकता का पहलू ही ना देखे , एक अखंड भारत की एकता से देखे / गाँधी एक त्याग ,बलिदान ,शौर्य , वीरता ,का नाम है /गाँधी सत्य अहिंसा का नाम है /गाँधी अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने का नाम है /गाँधी कहते थे कोई मुझे मार सकता है मेरे विचोरो को नहीं / मै अंग्रेजी कानूनों का पालन नहीं करुगा ,लेकिन अहिंसा से मुकाबला करना है /गाँधी जी के विचारों में ना क्षेत्रवादिता थी न धर्मवाद था और न ही जातिवाद /किसी को गाँधी जी के प्रदेश से कोई मतलब नहीं /गाँधी राष्टीय एकता की मिसाल हैं / नरेन्द्र मोदी भारतीय एकता को तोड़ने वोले नेता जरूर है दुर्भाग्य है गुजरात के सम्बन्ध होने के बाद भी गाँधी जी का असर उन्हें नहीं हुआ / नरेन्द्र मोदी के विचारो में हिंसा है बातो में हिंसा है और कर्म में हिंसा है /भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को सोच समझ कर तुलना करना चाहिए मै मानता हूँ की तारीफ करने से आज के ज़माने में लाभ होता है , पर तारीफ के लायक व्यक्ति तो ढूढना चाहिए /

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